कहूं या नहीं
"शाजापुर के सभी, छोटे-बड़े चाहने वालो को, दिल से थैंक यू"!
"अगर मुझे, पहले पता होता कि आप, मुझसे इतना प्यार करते हो, तो मैं कभी, किसी और से प्यार नहीं करता पर जिंदगी दुर्घटनाओं का सफर है, इसीलिए शादी नाम की दुर्घटना से मैं भी गुजर चुका हूं! पता भी नहीं चला और आधी जिंदगी, मजाक मजाक में गुजर गई है, इसलिए अब मजाक बंद करने का कोई इरादा नहीं है, हां,,,,, "!
"चार दिन पहले, मैं खाना खा रहा था और मेरी बीवी गरमा गरम खाना बना रही थी तो मैंने कहा -"चार रोटी बासी खा गया हूं यार, एक दो रोटी ताजी भी दे दो"!
तो पत्नी बोली -"पहले एक शायरी सुनाओ, फिर गरम रोटी दूंगी"!
तो मैंने कहा -"सजा देने के लिए कसूर होना चाहिए, माता-पिता की ही तरह सास ससुर भी होना चाहिए, साला भले हो या ना हो, कोई बात नहीं पर साली जरूर होना चाहिए"!
तो पत्नी गुस्सा हो गई और उसने बेलन की मार दी, बाल बाल आंखें बच गई मेरी, नहीं तो काणा हो जाता, जान बचाकर भागना पड़ा, अब रमता जोगी बन गया हूं!
4 दिन से भंडारा में खाना पीना चल रहा है, आज यहां दुकान के उद्घाटन में बुलाया, तो बिना नहाए, धोए, चला आया, और कहीं आसपास भंडारा हो तो बताओ, अब तो जिंदगी ऐसे ही निकालने पड़ेगी यार, हाँ,,,,
"भगवान ने मेरी शक्ल, ही ऐसी बनाई है, अगर मैं रोता भी हूं तो, लोगों को लगता है, हंस रहा हूं एक दिन कॉमेडी फिल्म देखने सिनेमा गया और रोने लगा, तो पास बेठी महिला बोली -"भैया"! "धीरे हंसो, मेरा बच्चा उठ जाएगा"!
तो मैंने उस महिला से कहा -"हुस्न की शहजादी, में एक ऐसी पहेली हूं"!
उस महिला ने मेरी बात काटते हुए कहा -"लाइन मत मार, मैं, तेरी बीवी की सहेली हूं"!
यहां पर मुझे, अपने एक शायर दोस्त की शायरी याद आ रही है
"कि मैं रोता रहा, जमाना मुझ पर, हंसता रहा"! "कि मैं रोता रहा, जमाना मुझ पर, हंसता रहा"! "मैं अपना गम, छुपा कर, सबको हंसता रहा"!
"हंसते रहिए, हंसाते रहिए, क्योंकि हंसने से खून बढ़ता है"! "और ज्यादा खून बढ़ जाए तो रक्तदान कीजिए, "हां"!,,,